शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By ND

भारी पड़ा अन्ना को ब्रांड बनाना

भारी पड़ा अन्ना को ब्रांड बनाना -
मुंबई तुम कहां सो गए जब अन्ना को आपकी जरूरत पड़ी? एमएमआरडीए ग्राउंड, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स पर दूसरी आजादी जंग में शामिल हो। बस सर्विस उपलब्ध है। ये है वो एसएमएस संदेश जो इंडिया अगेन्स्ट करप्शन की मुंबई शाखा ने बुधवार को शहर के हजारों लोगों को भेजा। लेकिन लोग फिर भी नहीं पहुंचे।

मंगलवार को दिखी हजारों की भीड़ बुधवार को सैकड़ों में तब्दील हो गई और इसी के चलते लोगों से हौसला पाने वाले अन्ना हजारे के चेहरे का तेज भी सुबह से मलिन होता चला गया।

पिछले तीन दिनों का सरसरी तौर से भी जायजा लेने पर साफ हो जाता है कि ब्रांड अंबेसडरों के शहर मुंबई में ब्रांड अन्ना का असर कम हो चला है।

अन्ना के अनशन के दौरान यहां लोगों की भीड़ न जुटने की मुख्य वजह आंदोलन का संयोजन कर रही संस्था इंडिया अगेन्स्ट करप्शन की मुंबई शाखा के कुप्रबंधन को माना जा रहा है।

बुधवार की दोपहर मुंबई के तमाम लोगों को भेजे गया एसएमएस भी इनकी हताशा की एक झलक ही माना जा रहा है। लेकिन अन्ना के मुंबई अनशन के फर्स्ट डे, फ्लॉप शो की पटकथा खुद टीम अन्ना ने लिखी है।

अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी का अभिमान तो लोगों को अन्ना हजारे से दूर कर ही रहा है, खुद अन्ना का ऐसे आयोजनों के दौरान आम से खास हो जाना लोगों के गले नहीं उतर रहा। अन्ना के अपने गांव के लोग यहां उनसे मिलने को तरसते रहे और टीम अण्णा सुरक्षा कारणों का हवाला देकर लोगों को उनसे दूर करती रही।

अन्ना हजारे ने अपने सामाजिक आंदोलनों की जो शुरुआत महाराष्ट्र से चार दशक पहले की थी, उसकी सबसे बड़ी यूएसपी उनका आम आदमी से होता रहा संवाद ही है, पर अब अण्णा से संवाद कर पाना हर इंसान के बूते की बात नहीं।

अन्ना हजारे को खुद महाराष्ट्र के अखबारों ने कभी खास तवज्जो नहीं दी। दिल्ली के रामलीला मैदान पर हुए आंदोलन से अन्ना का राष्ट्रीय धारा में प्रवेश हुआ, लेकिन वहां से वापस लौटने के बाद अन्ना अपने ही सूबे के लिए दुर्लभ हो गए। पिछली बार बिना किसी संगठन के बुलाए, भरी बारिश में लाखों लोग मुंबई की सड़कों पर अन्ना के समर्थन में उतरे थे, पर उस भीड़ का दसवां हिस्सा भी एमएमआरडीए मैदान नहीं पहुंचा। (नईदुनिया)